“Top 5 Immunity-Boosting Tips for Winter: Stay Healthy and Strong”

Immunity Boost Tips In Winter

आयुर्वेद अनुसार Winter(हेमंत) ऋतुचर्या


भारत में ऋतुओं का चक्र व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है। आयुर्वेद में हर ऋतु के अनुसार जीवनशैली और आहार में परिवर्तन करने की आवश्यकता बताई गई है, जिसे ऋतुचर्या कहा जाता है।Immunity Boost हेमंत ऋतु (शीतकाल का पूर्वार्द्ध) नवंबर से जनवरी तक का समय होता है। चरक संहिता में हेमंत ऋतु के लिए विशेष रूप से आहार-विहार के नियमों का वर्णन किया गया है, ताकि इस समय शरीर की प्रबल जठराग्नि (पाचन अग्नि) का सही उपयोग हो सके और व्यक्ति स्वस्थ रहे।

“जठराग्निर्विकार्याणां सर्वेषामपि मूलकारणम्।”

Winter(हेमंत ऋतु) में शारीरिक दशा

हेमंत ऋतु में ठंडी जलवायु के कारण शरीर के पोषण की आवश्यकता बढ़ जाती है। इस ऋतु में ठंड के कारण त्वचा की छिद्र सिकुड़ जाती हैं, जिससे शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकलती और जठराग्नि (पाचन शक्ति) अत्यंत प्रबल हो जाती है। यदि इस जठराग्नि को संतोषजनक भोजन न मिले, तो यह शरीर के धातुओं को पाचन  कर सकती है, जिससे धातुओं की कार्य क्षमता पर प्रभाव पड़ता हैँ. । चरक के अनुसार, हेमंत ऋतु में संतुलित और पौष्टिक आहार, साथ ही उचित विहार का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।ताकि Immunity Boost होवे और Healthy बने रहे |

1. आहार (Diet in Hemant Ritu)

पौष्टिक और स्निग्ध भोजन:

चरक संहिता में इस ऋतु में स्निग्ध, पौष्टिक, और उष्ण गुणों वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी गई है। ये खाद्य पदार्थ शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और ठंड से बचाते हैं।

Seasonal vegetables and fruits also thing in context to increase immunity

सहिंजन,पुनर्नवा सरसो,चना लीव्स मेथी उड़द लड्डू खोया,बबुल निर्यास 

  • घी और तेल: भोजन में गाय का घी, तिल का तेल और महानारायण तेल शामिल करें। ये शरीर को अंदर से पोषण प्रदान करते हैं और सूखापन दूर करते हैं।
  • अनाज: गेहूं, जौ, और चावल जैसे भारी और पौष्टिक अनाज का सेवन करें। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
  • दालें: मसूर, मूंग, और उड़द जैसी दालें हेमंत ऋतु में उपयोगी हैं।
  • फल और मेवे: खजूर, अंजीर, किशमिश, बादाम, और अखरोट जैसे मेवे का सेवन करें। ये शरीर को गर्मी और ऊर्जा प्रदान करते हैं।
  • मांस और सुप: मांसाहारी व्यक्तियों के लिए मांस-रस (मांस का सुप) का सेवन लाभकारी होता है। यह बल और ऊर्जा (Immunity)को बढ़ाता है।
  • मसाले: अदरक, काली मिर्च, दालचीनी, और लौंग जैसे मसाले पाचन को बढ़ाते हैं और शरीर को गर्मी प्रदान करते हैं।
  • तिल और गन्ना: तिल का लड्डू और गन्ने का रस सर्दियों में अत्यधिक लाभकारी होते हैं।

क्या न खाएं:

  • ठंडे और सूखे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  • फ्रिज में रखा हुआ ठंडा खाना, सलाद, और कच्ची सब्जियों का सेवन सीमित करें।
  • अत्यधिक हल्के और कम पोषण वाले खाद्य पदार्थ, जैसे मुरमुरे और पोहा, से बचें।

2. विहार (Lifestyle in Hemant Ritu)

अभ्यंग (तेल मालिश):

हेमंत ऋतु में नियमित अभ्यंग (तेल मालिश) करने की सलाह दी गई है। तिल का तेल, महानारायण का तेल, या औषधीय तेलों का उपयोग करें। इस से हेमंत ऋतु में कफ और वात को नियंत्रण यह सर्दी के प्रभाव को कम करता है, त्वचा को पोषण देता है, और शरीर को ऊर्जावान(Immunity ) बनाए रखता है।

व्यायाम:

चरक संहिता में इस ऋतु में नियमित व्यायाम को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है। ठंड के मौसम में शरीर मजबूत और सक्रिय रहता है, जिससे इसे अधिक श्रम करने की क्षमता मिलती है। योगासन, दौड़ना, और हल्की कसरत से शरीर का रक्त संचार अच्छा रहता है।

गर्म पानी से स्नान:

सर्दियों में गर्म पानी से नहाने से शरीर की मांसपेशियां आरामदायक रहती हैं और रक्त प्रवाह बेहतर होता है।

गर्म कपड़े पहनना:

हेमंत ऋतु में शरीर को गर्म रखने के लिए गर्म कपड़े पहनें। सिर, गला, और पैरों को विशेष रूप से ढककर रखें, क्योंकि ठंड सबसे पहले इन्हीं स्थानों पर असर करती है।

सुबह के समय उत्तर और पूर्व के खिड़की या दरवाजे ९.३०/१०.०० तक न खोले , शीतल वायु का सेवन न करे। 

दिन में शयन न करे। 

3. मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य (Mental and Emotional Health)

ध्यान और प्राणायाम:

हेमंत ऋतु में मानसिक स्थिरता बनाए रखने के लिए ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करें। अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका, और कपालभाति जैसे प्राणायाम फेफड़ों को मजबूत करते हैं और शरीर में ऊर्जा का संचार करते हैं।

सकारात्मकता और सामजिक संपर्क:

सर्दी के समय परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना, सुखद अनुभवों का आनंद लेना, और सकारात्मक विचारों पर ध्यान केंद्रित करना मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखता है।

4. विशेष उपाय (Special Measures)

च्यवनप्राश का सेवन:

च्यवनप्राश का नियमित सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह ऊर्जा और गर्मी प्रदान करता है।

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां:

  • अश्वगंधा: शारीरिक बल और ऊर्जा बढ़ाने के लिए।
  • शतावरी: शरीर को पोषण देने और थकान कम करने के लिए।
  • त्रिफला: शरीर को डिटॉक्स करने और पाचन सुधारने के लिए।

तिल का उपयोग:

तिल के लड्डू, तिल का तेल, और तिल के अन्य खाद्य पदार्थ सर्दियों में अत्यंत लाभकारी होते हैं। ये शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं और त्वचा को पोषण देते हैं।

5. निषेध (What to Avoid)

  • हल्का और ठंडा भोजन: ठंडी मिठाइयां, फ्रिज में रखा भोजन, और ठंडे पेय पदार्थों का सेवन न करें।
  • अत्यधिक उपवास: हेमंत ऋतु में प्रबल जठराग्नि के कारण उपवास करने से कमजोरी हो सकती है।
  • दिन में सोना: इससे कफ दोष बढ़ सकता है और आलस्य उत्पन्न हो सकता है।

निष्कर्ष:

हेमंत ऋतुचर्या का पालन करने से व्यक्ति अपने शरीर को पोषण, सर्दी से सुरक्षा, और बेहतर स्वास्थ्य प्रदान कर सकता है। चरक संहिता में इस ऋतु को बल और शक्ति बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम समय माना गया है। पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम, और उचित विहार से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि मानसिक स्थिरता भी बनी रहती है।

हेमंत ऋतु में सही आहार-विहार अपनाकर हम जीवनशक्ति को बढ़ा सकते हैं और दीर्घायु प्राप्त कर सकते हैं। आयुर्वेद के इन सिद्धांतों का पालन करते हुए स्वस्थ और सर्दियों का आनंददायक अनुभव किया जा सकता है।

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